एक कागज़ पर
नज़्म लिख कर
यूँ ही रख दी
मेज़ पर ,
कुछ देर बाद
बबली ने
उड़ा दिया
मेरी नज़्म को
हवाई ज़हाज़ बना कर ।
--अजीत पाल सिंह दैया
नज़्म लिख कर
यूँ ही रख दी
मेज़ पर ,
कुछ देर बाद
बबली ने
उड़ा दिया
मेरी नज़्म को
हवाई ज़हाज़ बना कर ।
--अजीत पाल सिंह दैया
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