अजीतपाल सिंह दैया
AJIT PAL SINGH DAIA
Tuesday, March 31, 2009
कभी कभी
कभी
कभी
मुझे ऐसा लगता है
कि आसमान मेरी कमीज़ है
जिसकी ऊपर की बटन टूटी है
और तुमने वह बटन टांगते वक्त
चूम लिया था
अपनी एडी पर उचकते हुए
और अंकित कर दिया
अपने लबों
को
कौसे कज्ह के रूप में।
---अजीत पाल सिंह दैया
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