अमावस की रात
छत पर खड़ी तुम
चाँद सी दिखती हो
एक दिन
चाँद पर जाऊंगा मैं
और झांकुंगा
तुम्हारे आँगन में ,
देखूंगा कि तुम
चाँद से कैसी दिखती हो!
अजीत पाल सिंह दैया
छत पर खड़ी तुम
चाँद सी दिखती हो
एक दिन
चाँद पर जाऊंगा मैं
और झांकुंगा
तुम्हारे आँगन में ,
देखूंगा कि तुम
चाँद से कैसी दिखती हो!
अजीत पाल सिंह दैया
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