अजीतपाल सिंह दैया
AJIT PAL SINGH DAIA
Saturday, April 18, 2009
उलाहना
हिमालय की
वादियों का
उलाहना आया है
कि चिनार के दरख्त पर
लिखे तेरे नाम से
अजीब महक आती है
बेचारी वादी
सो नहीं पाती है।
- अजीत पाल सिंह दैया
1 comment:
संगीता स्वरुप ( गीत )
June 20, 2009 at 7:09 AM
wah , bahut khoob..padhna achchha laga.
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wah , bahut khoob..padhna achchha laga.
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