अजीतपाल सिंह दैया
AJIT PAL SINGH DAIA
Friday, January 15, 2010
मेरी नज़्म
कल से ही
कांप रही है
ठण्ड से
ठिठुर कर
खांस रही है ,
हल्का हल्का
तापमान भी है
मेरी नज़्म को
प्रिया ,
बारिश में
नहाते वक्त
मेरी नज्मों को
ना गुनगुनाया करो तुम।
-अजीत पाल सिंह दैया
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