Friday, June 26, 2009

लफ्ज़

लफ्ज़ बो रहा हूँ
देखना
कुछ देर बाद
उग आएँगी
नन्हीं नन्हीं नज्में
सफ्हे पर ।
- अजीत पाल सिंह दैया


Tuesday, June 23, 2009

हवाई ज़हाज़

एक कागज़ पर
नज़्म लिख कर
यूँ ही रख दी
मेज़ पर ,
कुछ देर बाद
बबली ने
उड़ा दिया
मेरी नज़्म को
हवाई ज़हाज़ बना कर ।
--अजीत पाल सिंह दैया