Friday, June 26, 2009

लफ्ज़

लफ्ज़ बो रहा हूँ
देखना
कुछ देर बाद
उग आएँगी
नन्हीं नन्हीं नज्में
सफ्हे पर ।
- अजीत पाल सिंह दैया


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