Friday, June 10, 2011

मक़बूल फिदा हुसैन

तेज़ तूफान के बाद
गिर गया एक बूढ़ा दरख़्त,
बारिश थमने के बाद
आसमान साफ था
और ढलते सूर्य की
विपरीत दिशा मे
नज़र आ रहा था
एक इंद्रधनुष ।
आम दिनों की तरह
आज के इस इंद्रधनुष मे
रौनक नहीं थीं ,
उदासी छन छन कर
बिखर रही थीं,
और तमाम रंग फीके
नज़र आ रहे थे ।
धीरे धीरे मैंने देखा
कि एक एक कर
सभी रंग हो गए गायब ।
अटलांटिक समुद्र से
एक अबाबील उड़ते उड़ते आई ,
उसने मुझे बताया
कि तमाम सात रंग
एक कब्र पर
फातिहा पढ़ते पाये गए हैं।
- अजीतपाल सिंह दैया

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