Sunday, April 12, 2009

नमक

शहर में
किसी भी दुकान पर
नहीं मिला मुझे नमक ,
उसने खरीद लिया था
सारा का सारा ,
मेरे ज़ख्मों पर
छिड़कने के लिए।
--अजीत पाल सिंह दैया

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