Saturday, April 18, 2009

उलाहना

हिमालय की
वादियों का
उलाहना आया है
कि चिनार के दरख्त पर
लिखे तेरे नाम से
अजीब महक आती है
बेचारी वादी
सो नहीं पाती है।
- अजीत पाल सिंह दैया

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